राज्यपाल के जीवन वृत्त पर आधारित वातायन’ पुस्तक का विमोचन,
देहरादून। राजभवन के समस्त कार्मिकों एवं उनके परिजनों हेतु परिवार मिलन कार्यक्रम आयोजित किया गया। राजभवन ऑडिटोरियम में आयोजित परिवार मिलन कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) और प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर ने समस्त कार्मिकों एवं उनके परिजनों से मुलाकात की।
इस कार्यक्रम में राज्यपाल ने राजभवन की एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) का विमोचन किया। इस एसओपी में राज्यपाल सचिवालय एवं राजभवन गृहस्थ अधिष्ठान के अधिकारियों के मध्य कार्यों का विभाजन, राजभवन में अतिविशिष्ट एवं विशिष्ट अतिथियों के आगमन व प्रस्थान पर व्यवस्था संबंधी कार्य व्यवस्था व निर्देश, राज्यपाल/राजभवन सुरक्षा में नियुक्त विभिन्न सुरक्षा इकाइयों की एकीकृत कमांड, राजभवन में आयोजित होने वाले शपथ ग्रहण समारोह व अन्य कार्यक्रमों के सम्बन्ध में व्यवस्था संबंधी निर्देश, राज्यपाल की स्वास्थ्य सम्बन्धी एस०ओ०पी और राजभवन के आवास आवंटन नियम के संबंध में विस्तार से स्पष्ट किया गया है।
राजभवन में संपादित किए जाने वाले कार्यों/गतिविधियों हेतु पृथक से कोई नियम/निर्देश नहीं होने के कारण समय-समय पर आवश्यकतानुसार जारी निर्देशों एवं प्रचलित परंपराओं के आधार पर ही कार्यों एवं गतिविधियों का कार्यान्वयन किया जाता रहा है। राज्यपाल ने कहा कि राजभवन की एसओपी के माध्यम से यहां किए जाने वाले कार्यों हेतु सभी की जिम्मेदारियां और उत्तरदायित्व स्पष्ट किए गए हैं इससे कार्मिकों की कार्य कुशलता बढ़ेगी।
इस अवसर पर राज्यपाल ने ‘‘वातायन’’ पुस्तक का विमोचन किया। राज्यपाल के जीवनवृत्त पर आधारित इस पुस्तक को श्री श्री के. के. पाण्डे, ईआरपी सेल कुमाऊं विवि नैनीताल और श्री पारितोष बंगवाल, मीडिया को-ऑर्डिनेटर राजभवन द्वारा संयुक्त रूप से संपादन किया गया है। पुस्तक में राज्यपाल के बचपन से लेकर राज्यपाल के पद से पूर्व के वृतांत को बताया गया है। श्री पारितोष बंगवाल द्वारा अवगत कराया गया कि इस पुस्तक को लिखने का उद्देश्य युवा पीढ़ी को राष्ट्रभक्ति और नैतिकता के लिए प्रेरित करना है। पुस्तक में एक सैन्य अधिकारी के साहस समर्पण की कहानी है जो युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का कार्य करेगी। राज्यपाल ने पुस्तक लेखन के लिए श्री पारितोष बंगवाल और श्री के. के. पाण्डे को शुभकामनाएं दी और उनका आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बेहद अल्प समय में इस पुस्तक को लिखा गया। राज्यपाल ने दोनों लेखकों को सम्मानित भी किया।