बजट 2022 : बजट पर राय ओर जानकारी,पढिये ये खबर

(संवाददाता NewsExpress18)

देहरादून। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पास करने के बाद देहरादून के सुप्रसिद्ध युवा सीए ने बजट पर दी अपनी राय

उन्होंने बताया नई धारा 139(8A) व 140B जोड़ी गई। टाइटल:- अपडेटेड ITR
अभी तक ओरिजिनल ITR धारा 139(1) में, बिलेटेड व रिवाइज्ड ITR धारा 139(4) व (5) में फ़ाइल की जा सकती थी। असेसमेंट ईयर की 31 दिसम्बर तक। अर्थात auditable ITR को due date 31 अक्टूबर के बाद 2 महीने मिलते थे एवं नॉन-ऑडिट्स वाली ITR को due-date 31 जुलाई के बाद 5 महीने मिलते थे।


अब उसके बाद असेसमेंट ईयर के आखिरी दिन अर्थात 31 मार्च तक व एस्सेसेमेंट ईयर खत्म होने के 12 महीने के भीतर अर्थात फाइनेंसियल ईयर खत्म होने के 24 महीने के भीतर अपडेटेड ITR फ़ाइल करने का ऑप्शन दिया गया है।

(सीए निधि मनोचा)

अपडेटेड ITR के साथ नॉर्मल टैक्स+ब्याज का 25% एडिशनल टैक्स जमा कराना होगा अगर फाइनेंसियल ईयर के 12 माह के अंदर ITR फ़ाइल करते हैं। अगर नेक्स्ट 12 महीने अर्थात फाइनेंसियल ईयर समाप्ति के 24 महीने के भीतर ITR फ़ाइल करते हैं तो नॉर्मल टैक्स+ब्याज का 50% अतिरिक्त टैक्स जमा कराना होगा।
158AB नई धारा जोड़ी गई:- रिपीटीटटीव लिटिगेशन अवॉयड करने के लिए डिस्प्यूटेड issue सेटल होने तक के लिए अपील फ़ाइल करने की अवधि बढ़ाने का पावर लिया है विभाग ने।

धारा 37(1) में कोई ऐसा खर्चा जो offence हो, लॉ द्वारा प्रोहिबिटेड हो, लॉ का उल्लंघन हो, रूल्स/रेगुलेशन/गाइडेन्स के विरुद्ध हो तो allow नहीं होगा। इस संशोधन के लिए मेडिकल व फार्मा कम्पनियों द्वारा डॉक्टर्स को दिए जाने वाले प्रलोभनों के संदर्भ को ध्यान में रखा गया है।
इंटरेस्ट को debanture में कन्वर्ट किया है, तो धारा 43B के लिए पेमेंट ऑफ इंटरेस्ट नहीं माना जायेगा।
धारा 201(1A) में टीडीएस डिफ़ॉल्ट के मामले में एस्सेसेमेंट तक का ब्याज लगेगा।

(सीए नमन मनोचा)

6.धारा 115BAB जो वित्तिय वर्ष 2019-20 में नई धारा जोड़कर कॉरपोरेट सेक्टर के लिए टैक्स की रेट 15% की गई थी उसमें प्रोडक्शन/मैनुफैक्चरिंग स्टार्टिंग की डेट 31.3.22 थी उसको 31.3.2023 तक एक्सटेंड किया है।

इंटरेस्ट को debanture में कन्वर्ट किया है, तो धारा 43B के लिए पेमेंट ऑफ इंटरेस्ट नहीं माना जायेगा।
धारा 201(1A) में टीडीएस डिफ़ॉल्ट के मामले में एस्सेसेमेंट तक का ब्याज लगेगा।

6.धारा 115BAB जो वित्तिय वर्ष 2019-20 में नई धारा जोड़कर कॉरपोरेट सेक्टर के लिए टैक्स की रेट 15% की गई थी उसमें प्रोडक्शन/मैनुफैक्चरिंग स्टार्टिंग की डेट 31.3.22 थी उसको 31.3.2023 तक एक्सटेंड किया है।
धारा 115JCकोऑपरेटिव सोसाइटी के सरचार्ज 18.5% से घटाकर 15% किया है। कॉरपोरेट सेक्टर के बराबर, लेवल प्लेइंग फील्ड दिया है।
8.धारा 80CCD:- अब राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी धारा 80CCD में सैलरी का 14% तक कॉन्ट्रिब्यूशन को छूट मिलेगी। पहले इसकी cap 10% थी।

9.धारा 80DD में किसी हैंडीकैप डिपेंडेंट के लिए LIC या अन्य कोई annuity प्लान लिया हो एवं सब्सक्राइबर की डेथ हो गई हो तो। डिपेंडेंट हैंडीकैप द्वारा चुकाई गई राशि पर छूट मिलेगी एवं हैंडीकैप को मिलने वाला भुगतान भी कर मुक्त होगा।
धारा 56(2)(x), कोविड के इलाज के लिए किसी भी पर्सन द्वारा मिली सहायता कर मुक्त होगी।

इसके अलावा कोविड के दौरान मृत्यु होने पर 12 महीने के दौरान परिजनों को मिलने वाली सहायता भी 10 लाख रुपये तक कर मुक्त होगी।
धारा 206AB एवं 206CCA पिछले वर्ष इंट्रोड्यूस हुई थी। इनमें 50,000/- रुपये का टीडीएस कटने के बावजूद भी, पिछले दो सालों की ITR नहीं भरने वालों का डबल टीडीएस कटना था। वो अब मात्र एक साल के डिफ़ॉल्ट पर ही डबल डिडक्शन करना होगा।

12.धारा 194IA में अब प्रॉपर्टी की DLC/सर्कल रेट या consideration, जो भी अधिक हो, उसका 1% टीडीएस कटेगा।
नई धारा 194R:- अब अगर किसी को भी 20 हजार से ज्यादा का inkind में भुगतान होगा तो 10% टीडीएस कटेगा।
इंडिविजुअल+HUF पर यह प्रावधान तब लागू होगा, जब उनके बिजनेस का टर्नओवर 1 करोड़ हो या प्रोफेशन की रिसिप्ट 50 लाख से ऊपर हो

नई धारा 194S:-.अगर किसी ने vurtual डिजिटल एसेट(VDA) ₹50हजार या अधिक की खरीदी है तो 1% टीडीएस काटना होगा। लेकिन खरीदने वाला बिजनेस करता है और टर्नओवर 1 करोड़ से ऊपर है या प्रोफेशन करता है तो रिसिप्ट्स 50 लाख से ज्यादा हैं, तो मात्र 10 हजार या अधिक की खरीदी पर 1% टीडीएस काटना है।

धारा 115BBH:- वर्चुअल डिजिटल एसेट बेचने से होने वाली आय पर, फ्लैट 30% टैक्स लगेगा। कॉस्ट ऑफ एक्वीजीशन के अलावा अन्य कोई डिडक्शन नहीं मिलेगा।
धारा 68 में, वेंचर कैपिटल फण्ड व sebi में रजिस्टर्ड वेंचर कैपिटल कम्पनी द्वारा इन्वेस्ट किया है, तो source of source साबित करने की जरूरत नहीं है।

चूंकि धारा 148A(d) में आर्डर पास करने के लिए अप्परूवल ले ली गई है उसके बाद धारा 148 का नोटिस देने के लिए दुबर चीफ की अप्रूवल की जरूरत समाप्त कर दी है।

धारा 12 व 10(23C) में लेवल प्लेइंग के लिए संशोधन:-
(i) mandatry बुक्स ऑफ एकाउंट्स prescribe करने का प्रावधान है
(ii) धारा 271AAE:- अगर ट्रस्टी/रिलेटेड पर्सन को अन रीजनेबल
बेनिफिट दिया है तो, पहले उल्लंघन में 100% व अगले उल्लंघन में 200% पेनल्टी

(iii) PCIT/CIT को पावर दी गई है कि CPC से जारी आटोमेटिक रजिस्ट्रेशन को भी कन्सिल कर सकते हैं।
(iv) 10(23C) में रजिस्टर्ड संस्थाओं पर भी ट्रस्टी को किए जाने वाले भुगतान पर रिस्ट्रिक्शन लगेंगे
(v) धारा 115TD, 10(23C) वाली संस्थाओं पर भी लगेगी
(vi) 10(23C) वाली संस्थाओं को भी due डेट से पहले ITR फ़ाइल करनी होगी। वरना नहीं मिलेंगे exemption
(vii) एप्पलीकेशन cash बेसिस पर ही allow होगा
(viii) धारा 35 के डिडक्शन की डिटैल भी 80जी की तरह फ़ाइल करनी होंगी।

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