14 साल से कम उम्र के बच्चों से मेहनत मजदूरी करवाना पड़ेगा भारी, बख्शा नहीं जाएगा,कितने भी बड़े संस्थान का हो स्वामी नही बचेगा : के.के गुप्ता
(विकास गर्ग)
देहरादून। सहायक श्रमआयुक्त के.के गुप्ता ने बताया कि उनके कार्यकाल में किसी भी तरह से किसी भी कीमत पर 14 साल से कम उम्र के बच्चों से मेहनत मजदूरी जैसा शारीरिक काम जो भी कराएगा उसे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा चाहे वह कितने भी बड़े संस्थान का स्वामी क्यों ना हो।
सहायक श्रम आयुक्त केके गुप्ता ने बताया देश के बाल श्रम कानून में संशोधन ने बाल मजदूरी की परिभाषा बदल दी है। अब किसी भी सूरत में 14 साल से कम उम्र के बच्चों को काम पर नहीं लगाया जा सकता।
उन्होने बताया बालश्रम से बच्चों के शारीरिक, मानसिक एवं सर्वांगीण विकास पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसके प्रति जन जागरूकता एवं संवेदनशीलता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 12 जून को बालश्रम निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है। किसी भी व्यापारिक प्रतिष्ठान, खदान फैक्ट्री में 14 साल से कम आयु के बच्चे को नियोजित नहीं किया जा सकता। राज्य द्वारा 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा भी का प्रावधान है।
सहायक श्रम आयुक्त केके गुप्ता ने बताया कि कुछ समय पूर्व जब सर्चिंग ऑपरेशन चलाया गया तो 40 बच्चों को रेस्क्यू किया गया। जिसके बाद संबंधित व्यक्तियों पर जिनके प्रतिष्ठान में यह बच्चे कार्यरत थे उन पर कानूनी कार्यवाही के बाद वाद दायर किया गया। उन्होने बताया इसमें 2 साल की सजा तक का प्रावधान है।
केके गौतम ने बताया कि श्रम विभाग का सर्चिंग ऑपरेशन समय-समय पर चलाया जाता है। सर्चिंग ऑपरेशन इस टीम में उनका सहयोग करने में पुलिस और कुछ सामाजिक संस्थाएं भी साथ रहती हैं उन्होंने कहा कि यह सर्चिंग ऑपरेशन शिकायतों के आधार पर भी चलाया जाता है एवं बच्चों को रेस्क्यू किया जाता है।
कहीं ना कहीं इन बच्चों की आर्थिक मजबूरी भी करवाती है काम
छोटी उम्र में और परिवार के लिए कमाने का बोझ। मजदूरी करने की मजबूरी बच्चों का बचपन छीन लेती है। कई मामलों में परिवार में कोई बड़ा नहीं है जो कमाकर ला सके तो कई मामलों अभिभावकों को बुरी लत के कारण बच्चों को मजदूरी करनी पड़ रही है।
1 रेस्क्यू किए किए गए बच्चों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था ।
2 आर्थिक संकट होने की वजह से बच्चे दोबारा काम करने लगते हैं।
3 कई बार बच्चों के मां-बाप भी काम करने के लिए कहते हैं। इस वजह से बच्चे मना नहीं कर पाते हैं।