मुसलमानों को सीएए क़ानून से घबराने की ज़रूरत नहीं : क़ादरी
(संवाददाता News Express18)
देहरादून । ग्रह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आदेश से देश भर में सी ए ए को लेकर फिर चर्चाएं गर्म हैं ऐसे में कुछ लोग मुसलमानो को बहकाने, डराने और गुमराह करने में लग गए हैं। इस मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के प्रदेश अध्यक्ष व नाएब शहर क़ाज़ी (अहले सुन्नत)देहरादून पीर सैयद अशरफ़ हुसैन कादरी ने सी ए ए क़ानून लागू किये जाने पर प्रेस को जारी किये गये बयान के द्वारा क़ानून की स्थिति स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि ये कानून भारत सरकार बहुत पहले लेकर आई थी और लागू करना चाहती थी मगर ह़क़ीक़त को समझे बगैर देश भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होने की वजह से लागू नहीं हो सका, मगर अब सरकार लागू करना चाहती है, इस क़ानून का अध्यन करने के बाद स्पष्ट तौर पर पता चला कि इस क़ानून से भारत के मुसलमानों का कोई लेना-देना नहीं है बल्कि यह क़ानून उन लोगों से सम्बंध रखता है जो अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बंगला देश, श्री लंका और बर्मा से आये हुए लोग हैं जो अभी तक भारत में रह रहे हैं उन को अब तक नागरिकता नहीं मिली है, ऐसे लोगों को नागरिकता दी जाएगी।
इस क़ानून में भारत में रह रहें करोड़ों मुसलमानों की नागरिकता पर कोई प्रशन चिन्ह नहीं उठाया गया है, और यह कैसे मुमकिन हो सकता है कि यहां सदियों से रह रहें मुसलमानों की नागरिकता को छीन लिया जाएगा। अगर भविष्य में ऐसा कोई क़ानून बनाया जाता है तो भारत के हालात ख़राब हो सकते हैं, कोई भी सरकार ऐसा क़दम नहीं उठा सकती है।
कादरी ने उन लोगों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो लोग मुसलमानों को डरा रहे हैं और गुमराह व भयभीत कर रहें हैं, उनको एक बार क़ानून का मुसव्वदा पढ़ लेना चाहिए फिर उसके बाद उनको समझ में आ जायेगा कि असल कानून की ह़क़ीक़त क्या है, बग़ैर क़ानून का अध्धयन किये कोई बात कहना मुनासिब नहीं है इससे मुसलमान भयभीत होते हैं और देश अराजक्त फैलती है।
कादरी ने लोकसभा चुनाव के दरमियान होशियार रहने की सलाह दी है, उन्होंने कहा इस कानून के द्वारा लोगों को नागरिकता दी जाएगी और किसी भी व्यक्ति की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी।
उन्होंने ने आगे कहा कि इस क़ानून से मुसलमानों को घबराने और परेशान होने की ज़रूरत नहीं है, कुछ राजनीतिक लोगों का सिर्फ यह मक़सद रह गया है कि वह मुसलमानों का वोट ह़ासिल करने के लिए जज़्बाती व भड़काऊ और बेबुनियाद बयानबाज़ी करते हैं मगर अब सियासी ह़ालात बहुत बदल चुके हैं।