(दीपक शर्मा)
शामली।एनजीटी के निर्देशो के पालन में जिला प्रशासन द्वारा पटाखा विक्रेताओं को दिए जाने वाला लाइसेंस निरस्त किए जाने से करोड़ों रुपए के पटाखे इस बार बेजान पड़े नजर आएंगे।पटाखा विक्रेताओं द्वारा करोड़ों रुपए की हानी होने के चलते मायूसी छाई हुई है।गुरुवार को जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा से भी पटाखा विक्रेताओं ने मदद की गुहार लगाई।लेकिन कैबिनेट मंत्री ने एनजीटी के आदेशों का हवाला देते हुए सहारा पुर में पटाखा बेचे जाने की व्यवस्था कराए जाने का आश्वासन दिया गया।
कोरोना काल में इस बार की दीपावली फीकी होने का अंदाजा पहले से ही लगाया जा रहा था।तरह तरह की बातें निकलकर सामने आ रही थी। त्यौहारी सीजन आने के साथ ही बाजारों में उमड़ रही भीड़ पिछले 6 माह से छाई उदासी में चेहरे पर मुस्कान लाने का काम बडा मुश्किल से अाई थी।वर्तमान में जनपद के प्रत्येक बाजारों में दीपावली की खरीदारी करने के लिए बाजार पूरी तरह सज चुके है।लोगो ने भी अपनी जरूरत। का सामान खरीदना शुरू कर दिया है।लगभग 6 माह से मंदी की मार झेल रहे पटाखा विक्रेताओं के दिल को भी कुछ तसल्ली हुई थी।पहले से ही खरीदे गए पटाखों की ग्राहकों द्वारा खरीदारी को लेकर पटखा विक्रेताओं में खुशी का गुब्बार फुट पड़ा था।
रही सही कसर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दीपावली पर किसी भी प्रकार के पटाखे पर रोक ना लगाए जाने के निर्देश देते हुए खुशी को दुगुना कर दिया था।अधिकांशत पटाखा विक्रेताओं ने अपने स्टालो को लगाने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेने के लिए भी प्रार्थना पत्र दे दिए गए थे।जिन पर तेजी के साथ कार्य किया जा रहा था।लेकिन अचानक एनजीटी के आए निर्देशो को लेकर पटाखा बेचने वालो के साथ साथ पटाखों के धमाकों के बीच दीपावली। का त्योहार मनाने वाले खरीदारी में असमंजस की स्थिति बन गई थी।
एनजीटी ने साफ लफ्जो में कहा कि यूपी के 12 जिलों में प्रदूषण की भायवक स्तिथि है।जिनमे से भी मुजफ्फरनगर की स्तिथि सबसे खराब बताई जा रही है।अब गौरतलब है कि पहले शामली जनपद मुजफ्फर नगर का ही हिस्सा हुआ करता था।और वर्तमान में शामली जनपद एनसीआर में शामिल है।इसलिए 12 जिलो के साथ साथ शामली जनपद में पटाखा ना बेचने वाले शहरों में शामिल रखा गया है।साथ ही हिदायत दी गई है कि त्यौहारी सीजन के बाद एनजीटी के निर्देशो पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तमाम शहरों में प्रदूषण की स्तिथि को जांचने के लिए कार्यवाही होगी।यदि प्रदूषण में बढ़ोतरी पाई गई तो संबंधित अधिकारियों पर भी कार्यवाही होना तय है।जिसके चलते जनपद शामली के अधिकारियों ने भी लाइसेंस दिए जाने की कार्यवाही को रोकते हुए जनपद में पटाखा बेचने पर पूर्ण तया प्रतिबंध लगा दिया।
जिससे पटाखा विक्रेताओं के चेहरे पर भी मायूसी छा गई।गुरुवार को कलेक्ट्रेट उच्चस्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए पहुंचे कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा को भी पटाखा विक्रेताओं ने बीच रास्ते में रोककर अपनी पीड़ा सुनाई तो मंत्री ने भी एनजीटी कोर्ट के निर्देशो का हवाला देते हुए पटाखा विक्रेताओं को नानौता और सहारनपुर में पटाखा बेचे जाने की व्यवस्था का दिया गया।मौके पर पहुंचे सीओ सिटी प्रदीप कुमार और एसडीएम शामली संदीप कुमार ने पटाखा विक्रेताओं को समझा बुझाकर वापस भेज दिया।
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