पीडितो से BSNL के0वाई0सी0अपडेट कराने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के 03 अन्य सदस्यो को गिरफ्तार कर अन्तर्राज्जीय गिरोह का किया फर्दाफाश
(विकास गर्ग)
देहरादून। साईबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने हेतु नित नये-नये तरीके अपना रहे है । वर्तमान मे ऐसे कई प्रकरण प्रकाश मे आ रहे है जिसमे साईबर अपराधी मोबाईल टेलीकॉम कम्पनी का कर्मचारी बताते हुये KYC अपडेट कराने के नाम पर आम जनता से उनकी बैंक सम्बन्धी गोपनीय जानकारी प्राप्त कर, Remote Access App डाउनलोड कराकर पीड़ित के मोबाईल फोन एवं नेट बैंकिंग का एक्सेस प्राप्त कर लाखो रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे है।
इसी क्रम में एक प्रकरण साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुआ, जिसमें देहरादून निवासी गोपाल कृष्ण शर्मा के साथ इसी प्रकार की घटना घटित हुयी थी जिसमें शिकायतकर्ता को BSNL मोबाईल सिम KYC अपडेट कराने के नाम पर Any Desk App डाउनलोड कराकर मोबाईल एवं नेट बैंकिंग का एक्सेस प्राप्त कर साईबर अपराधियों द्वारा लगभग 18 लाख (अठाहरह लाख) रुपये की धोखाधडी की गयी । शिकायतकर्ता द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्र के आधार पर साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर मु0अ0सं0 12/21 धारा 420 भादवि व 66(सी) आईटी एक्ट का अभियोग पंजीकृत किया गया तथा विवेचना निरीक्षक श्री पंकज पोखरियाल के सुपूर्द कर अभियोग के अनावरण हेतु पुलिस टीम का गठन किया गया ।
पुलिस टीम द्वारा अभियोग में अभियुक्तगणों द्वारा प्रयुक्त किये गये मोबाइल फोन नम्बर व वादी मुकदमा से धनराशि जिन बैक खातो एवं ऑनलाईन मर्चेंट/वॉलेट में प्राप्त की गयी उनकी सम्बन्धित दूरभाष कम्पनी, बैक व वॉलेट नोडल अधिकारियों से जानकारी प्राप्त कर विश्लेषण किया गया । विश्लेषण में अपराधियों द्वारा प्रयोग सिम कार्ड पश्चिम बंगाल के फर्जी पतो पर लिये जाना तथा उनका प्रयोग बिहार के जमतारा व पश्चित बंगाल मे प्रयोग किया जाना पाया गया। अपराधियों द्वारा वादी मुकदमा से ठगी धनराशि दिल्ली, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, हिमांचल, पंजाब, राजस्थान आदि राज्यो के बैंक खातो/गोल्ड लोन खातो मे स्थानान्तरित होना पाया गया। गौरतलब है कि शिकायतकर्ता के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से लगभग 9 लाख, पंजाब नेशनल बैंक से 3 लाख, आईसीआईसीआई बैंक से 3.5 लाख एवं एक्सिस बैंक से 1 लाख की ठगी हुई।
शिकायतकर्ता द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्र के आधार पर साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर मु0अ0सं0 12/21 धारा 420 भादवि व 66(C) आईटी एक्ट का अभियोग पंजीकृत किया गया तथा विवेचना साईबर थाने के निरीक्षक श्री पंकज पोखरियाल के सुपूर्द की गयी। साथ ही अभियुक्तो द्वारा वादी मुकदमा से ठगी धनराशि से एक मोबाईल फोन IPhone कीमत 1,35,000/- (एक लाख पैंतीस हजार) ऑनलाईन खरीदा जाना पाया गया । पुलिस टीम को अभियुक्तो की गिरफ्तारी हेतु राजस्थान, दिल्ली आदि राज्यो हेतु रवाना किया गया जहाँ पर पुलिस टीम द्वारा अभियोग में संलिप्त 02 अभियुक्तो को दिनांक 08.04.2021 को राजस्थान से गिरफ्तार किया गया था तथा वादी मुकदमा से ठगी धनराशि से ऑनलाईन खरीदा गया मोबाईल फोन भी बरामद किया गया ।
गिरफ्तार अभियुक्तो की निशानदेही व गहन पूछताछ में उनके द्वारा अन्य 03 अभियुक्तो का घटना में सम्मिलित होना बाताया गया था जिस पर दिनांक 16.04.2021 को घटना का अंजाम देने वाले 03 अभियुक्तो को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्तो से घटना में प्रयुक्त मोबाइल नम्बर व क्रेडिट कार्ड भी बरामद किये गये है । अभियुक्तगण शातिर किस्म के साईबर अपराधी है । जिनके द्वारा विभिन्न राज्यो के कई व्यक्तियो को इसी प्रकार ठगी का शिकार बनाया है ।
साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन की टीम द्वारा अथक मेहनत व लगन से देश भर में KYC Update के नाम पर ‘खातो में सेंध लगाकर ठगी करने वाले संगठित गिरोह के सरगना (Master Mind) व उसके सहयोगी को पूर्व में गिरफ्तार कर उनके सहयोगी 03 अभियुक्तो को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की । अभियोग में अभियुक्तगणो द्वारा विभिन्न बैको के क्रेडिट कार्ड का प्रयोग कर वादी मुकदमा से धोखाधडी करना प्रकाश में आया है । अभियोग में अभियुक्त दीपक द्वारा विभिन्न बैको के क्रेडिट कार्ड घटना को अंजाम देने हेतु अपने सहअभियुक्तो से दिय गये तथा विभिन्न मोबाइल कम्पनियों के सिम कार्ड का प्रयोग कर हिमालयन डेरी, व रोपवे स्टोर के नाम से फर्जी पेटीएम वालेट बनाकर धनराशि प्राप्त कर उक्त धनराशि को सहअभियुक्तो को उपलब्ध कराया गया व गिरफ्तार अभियुक्त अमित द्वारा वादी मुकदमा से 10 लाख रुपये की धनराशि अपने क्रेडिट कार्ड के माध्यम से प्राप्त किया गया , व अभियुक्त मुकेश द्वारा अपने क्रेडिट कार्ड में 04 लाख रुपये की धनराशि प्राप्त कर वादी मुकदमा से धोखाधडी की गयी । उक्त धनराशि का प्रयोग अभियुक्तगणों द्वारा आपस में तय हिस्से के आधार पर बांटना प्रकाश में आया तथा कुछ धनराशि दिल्ली के विभिन्न पेट्राल पम्पो में डीजल आदि क्रय करने हेतु प्रयोग करना पाया गया अभियुक्तो से पूछताछ में उनके गिरोह के तार राजस्थान, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, बिहार आदि राज्यो से जुडे होने पाये गये है जिसके सम्बन्ध में विस्तृत जांच की जा रही है ।
पूर्व में गिरफ्तार अभियुक्तों द्वारा बताया गया था कि ठगी की कमाई को विभिन्न क्रेडिट कार्ड में अलग-अलग शॉपिंग में सामान खरीदते तथा पैट्रोल फिलिंग स्टेशन में इस्तेमाल कर लिया गया | पूर्व में विवेचक द्वारा एचडीएफसी के खातों में 2.48 लाख एवं आईसीआईसीआई बैंक की 1 लाख की फिक्स डिपाजिट (FD) दोनों पर ही बैंक द्वारा फ्रिज करवाया गया| इस अपराध अनावरण में स्पष्ट है कि कैसे साइबर मामलों में अंतरराज्यीय गिरोह अलग-अलग राज्यों से साइबर अपराध कर रहा है।
अपराध का तरीका
अभियोग में अभियुक्तगणें द्वारा अपने सहअभियुक्तो के साथ मिलकर विभिन्न मोबाईल टेलीकॉम कम्पनी का कर्मचारी बन आम जनता को फोन करते है तथा उनके मोबाईल सिम KYC Update न होने के कारण जल्द बंद होना बताते हुये, KYC अपडेट करने के नाम पर, उनका नाम पता एवं उनके बैंक सम्बन्धी गोपनीय जानकारी, ओटीपी आदि प्राप्त करते है साथ ही Remote Access App (Any Desk, Team viewer, quick suport etc.) डाउनलोड कराकर पीड़ित के मोबाईल फोन एवं नेट बैंकिंग का एक्सेस प्राप्त कर उनके बैंक खातो से धनराशि धोखाधड़ी से विभिन्न बैंक, वॉलेट में स्थानान्तरित करते है। अभियुक्तगणों द्वारा पीडितो की धनराशि विभिन्न बैको के क्रेडिट कार्ड व पेटीएम वालेट में प्राप्त कर उक्त धनराशि को तय प्रतिशत के आधार पर आपस में बाट कर घटना को अंजाम देते है ।
प्रभारी एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड द्वारा जनता से अपील की है कि जनता से अपील की है कि इस प्रकार केवाईसी अपडेट कराने के झूठे झांसे में ना भेजें क्योंकि कोई भी केवाईसी आपके फोन के माध्यम से नहीं होती है तथा किसी भी प्रकार की ट्रेनिंग ऐप हो जैसे कि क्विक सपोर्ट एनीडेस्क टीम विवर इन्हें पढ़ने के बाद ही इंस्टॉल करें क्योंकि इस प्रकार की आप प्रशिक्षण अथवा ट्रेनिंग देने हेतु प्रयोग में लाई जाती है परंतु साइबर अपराधी इसी चीज का गलत इस्तेमाल कर कर के पीड़ित के मोबाइल फोन को हैक कर लेते हैं।
गिरफ्तार अभियुक्तगणः-
1- दीपक मेहता पुत्र राजाराम निवीसी खसरा न0 488 डी ब्लाक भलस्बा डेरी थाना भलस्बा डेरी नई दिल्ली उम्र 32 वर्ष
2- अमित कुमार पुत्र स्व0 आशाराम निवासी एन 118/65 बजीरपुर गांव अशोक बिहार थाना अशोक बिहार नई दिल्ली उम्र 36 वर्ष
3-मुकेश कुमार पुत्र मोहन लाल निवासी सी खसरा न0 555 राजीव नगर भलस्बा डेरी थाना भलस्बा डेरी नई दिल्ली उम्र 23 वर्ष
बरामदगीः-
1-03 मोबाइल फोन विभिन्न कम्पनियों के ।
गिरफ्तारी टीम
1- निरीक्षक पंकज पोखरियाल
2-उप निरीक्षक राजेश ध्यानी
3-मुख्य आरक्षी सुरेश कुमार
4-आरक्षी मुकेश कुमार
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