डीजीपी की समीक्षा, लम्बे समय से लम्बित विवेचनाओं को शीघ्र पूरा करने के निर्देश

(विकास गर्ग)

देहरादून। अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड द्वारा पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में समस्त जनपद एवं परिक्षेत्र प्रभारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से कानून व्यवस्था की समीक्षा की गई ।
समीक्षा के दौरान विभिन्न बिन्दुओं पर विचार विमर्श करते हुए निम्न महत्त्वपूर्ण निर्देश दिये गयेः-


 हत्या जैसे अपराधों का अनावरण एंव संलिप्त अभियुक्तों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाय साथ ही वाहन चोरी, चेन लूट जैसी घटनाओं का अनावरण समय पर होना अत्यन्त आवश्यक है।


 वर्तमान में देखा जा रहा है कि कुछ विवेचनाये बहुत लम्बे समय से लम्बित है अतः तीन वर्ष से अधिक समय से लम्बित विवेचनाओं के सम्बन्ध में पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था अगले 3-4 दिनों में सम्बन्धित अधिकारियों के साथ समीक्षा कर आवश्यक कार्यवाही करेंगंे तथा एक वर्ष से अधिक वर्ष से लम्बित विवेचाओं हेतु 01 जुलाई से 31 जुलाई तक अभियान चलाया जाएगा जिसमें दोनो रेंज के अधिकारी जनपदों का ओ0आर0 करते हुऐ निस्तारण सुनिश्चित करवायेगें तथा अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में पुलिस मुख्यालय द्वारा उपरोक्त की समीक्षा की जाएगी।


 साईबर से सम्बन्धित अपराधों में समय से कार्यवाही किया जाना अत्यन्त आवश्यक है, शिथिलता बरतने वालों पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए आवश्यकता पडने पर एसटीएफ तथा रेंज स्तर पर साईबर से सम्बन्धित अपराधों एंव अपराधियों के सम्बन्ध में जनपदों से समन्वय स्थापित करवाया जाय।


 जनपदों में कार्यरत साईबर सैल को अधिक प्रभावी बनाते हुए इस सैल में सुयोग्य निरीक्षक एवं उप निरीक्षकोेें की तैनाती की जाए तथा उनके अधिकारों में वृद्धि की जाए। निकट भविष्य में पुलिस महानिदेशक महोदय द्वारा साईबर से सम्बन्धित गोष्ठी का आयोजन करते हुए समस्त जनपदों में कार्यरत साईबर सैल की समीक्षा की जाएगी।


 महिला उत्पीडन सम्बन्धित अपराधों का गुण दोषंांे के आधार पर आंकलन करते हुए निस्तारण अत्यन्त आवश्यक है, इन्हें प्राथमिकता पर करना सुनिश्चित करें |
 गैंगस्टर एक्ट एक प्रभावी एक्ट है, संगठित अपराध में लिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।


 एन0डी0पी0एस0 अपराधों में कमशर््िायल क्वान्टिटी पकडने पर फोकस करें साथ ही उससे जुडे हुए समस्त लोगों के सम्बन्ध मे जानकारी करते हुए उनके विरूद्ध भी कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।
 शिकायती प्रार्थना पत्रों का निस्तारण एक माह के भीतर कर लिया जाए।


 ट्रैफिक चालान करने में ई-चालान मशीन का प्रयोग किया जाए तथा सडक दुर्घटनाआंे में सम्बन्धित थाना एवं टैªफिक की जिम्मेदारी भी तय करना सुनिश्चित करें।


 इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी ना होने पर उनकी इनामी धनराशि को बढाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करें।
 सोशल मीडिया एवं सोशल मीडिया माॅनिटरिंग सैल को एक्टीवेट करें तथा सोशल मीडिया से प्राप्त इनपुट पर कार्यवाही करते हुए एफआईआर दर्ज करना भी सुनिश्चित करें।


 डायल 112 के अन्तर्गत देहरादून की तर्ज पर समस्त जनपदों में 112 के कार्यलय स्थापित किये जाएंेगें तथा इससे चीता पुलिस, सीपीयू, इन्टरसेप्टर, डायल 112 वाहन, हाईवे पेट्रौल, एचपीयू, को जोडा जाएगा।


 विभागीय जांचों के अन्तर्गत प्राथमिक जांचों का निस्तारण शीघ्रता से सम्पादित करें तथा कठिन निर्णय लेने से ना बचें।

उपरोक्त समीक्षा बैठक में अभिनव कुमार- अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन, अमित सिन्हा- पुलिस महानिरीक्षक, पी0/एम0, वी मुरूगेशन- पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, संजय गुन्ज्याल- पुलिस महानिरीक्षक, अभिसूचना एंव सुरक्षा, पुष्पक ज्योति- पुलिस महानिरीक्षक, कार्मिक, नीलेश आनन्द भरणे- पुलिस उपमहानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था, श्रीमती नीरू गर्ग- पुलिस उपमहानिरीक्षक, गढवाल परिक्षेत्र, अजय सिह-एसएसपी एसटीएफ के अतिरिक्त अन्य अधिकारियों द्वारा आॅनलाईन प्रतिभाग किया गया।

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