(विकास गर्ग)
देहरादून। युवाओं की बात को सुनकर उनके अनुरूप सरकारी नीति को बनाना व छात्रों,अध्यापको व स्कूलों बीच उचित सामनजस्य स्थापित करना व यह मुख्यमंत्री की दूरगामी सोच ही थी की वह प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए फेसबुक लाईव-कार्यक्रम के जरिये राज्यभर के छात्र-छात्राओं के साथ जुड़ना चाहते थे और इसी कड़ी में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को प्रदेश के छात्र-छात्राओं के साथ लाईव-संवाद किया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य के सीएम रावत ने छात्र-छात्राओं को एक संकल्प दिया कि “लक्ष्य पूर्ति तक आराम नहीं”। लेकिन फेसबुक कार्यक्रम में कुछ मुख्यमंत्री विद्रोही व् प्रदेश में काफी समय से अस्थिरता फ़ैलाने वाले तत्वों के कारण जिस प्रकार से लाईव प्रतिक्रियाएं सामने आई वह एक सुनियोजित साजिश थी। जिसका धीरे-धीरे पर्दाफाश हो रहा है।
लाईव कार्यक्रम का उद्देश्य व कार्यक्रम की रूपरेखा राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर छात्रों के साथ संवाद पर केन्द्रित थी। लेकिन सीएम रावत के विरोधियों ने एक सुनियोजित षड़यंत्र के तहत् संवाद कार्यक्रम को उपद्रव की ओर मोड़ दिया। जिसका खामियाजा प्रदेश के हजारों छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ा।
यह सवाल इसलिये खड़ा हो गया है कि जब पहले से ही कार्यक्रम सीधा छात्र-छात्राओं से संवाद का था तो फिर अचानक छात्र-छात्राओं के बीच में शिक्षा व्यवस्था पर सवाल न करने के बजाय बेरोजगारी व राजनितिक सवाल पूछे गये। जिससे साफ होता है कि एक सुनियोजित साजिश के तहत् सीएम रावत के कार्यक्रम को जो कि छात्र-छात्राओं के साथ संवाद का था उसे बेरोजगारी और राजनीती के नाम पर मोड़ दिया गया।
इससे छात्र-छात्राओं को भी झटका लगा है। लेकिन सबसे चैकाने वाली बात यह रही कि फेसबुक लाईव के दौरान बेरोजगारी का मुद्दा एक षड़यंत्र के तहत उठाया गया।
सीएम रावत के कार्यक्रम को लेकर दुष्प्रचार का ठेका देने वालो द्वारा जो प्रतिक्रिया व्यक्त करवाई गयी है वह पहाड़ी राज्य को शोभा नहीं देता है,
आपको बता दे की लेकिन यह सब अचानक नहीं हुआ है इसके लिए देहरादून और दिल्ली में बैठकर मंथन किया गया कि कैसे युवाओं के बीच सीएम रावत की बढ़ती लोकप्रियता को प्रभावित किया जाये व् एक सुनियोजित साजिश के तहत कमेंट बाक्स में अभद्र भाषा का प्रयोग इसलिए किया गया ताकि युवाओं के बीच में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की छवि को नुकसान पहुॅंचाया जाये।
हालांकि त्रिवेंद्र सिंह रावत बहुत संवेदनशील है व विरोधियो की इन सब चालो को भली भांति समझते है पर उन्होंने बहुत बखूबी से अपनी व अपनी सरकार द्वारा छात्रों व शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियों का व्याख्यान करते हुए छात्रों का मार्गदर्शन किया जिससे विरोधियो के हौसले एक बार फिर पस्त हो गए है
बड़ा सवाल यह हे की इस प्रकार सरकारी सिस्टम में सेंध लगाने वालो के खिलाफ शाशन प्रशाशन व् पुलिस विभाग द्वारा कारवाही क्यों नहीं की गयी ?आखिर कब तक मुख्यमंत्री इन सबको बे – वजह झेलते रहेंगे ?
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