वनविभाग की वर्दी पहन कर रहे हैं गुण्डागर्दी,शोसल मीडिया पर वाईरल हुए फोटो
(विकास गर्ग)
देहरादून। उत्तराखण्ड माने बाप का राज्य वास्तव में है, यहां जो चाहो वह कर लो, ताजा मामला वन विभाग की झाजरा रेंज का है। यहां एक रेजर ने अपने परिचितों को पहले तो वन प्रहरी के पद पर अस्थायी नियुक्ति दी और फिर उनको फर्जी तरीके के वर्दी पहनाकर और रिवाल्वर देकर अवैध खनन करने वालों को सह भी दे रहा है। इस पूरे मामले की शिकायत स्थानीय लोगों ने राज्यपाल व मुख्यसचिव समेत अन्य अधिकारियों से भी की है। बताया जा रहा है कि इस रेंजर पर पहले भी कई आरोप लग चुके हैं और तीन बार तबादला होने के बाद भी नियमों को ताक पर रख कर अपना तबादला रूकवा दिया।
मामला कुछ इस तरह का है, देहरादून जिले में वन विभाग की झाझरा रेंज में कोरोना काल के दौरान कुछ वन प्रहरियों को अस्थाीय रूप से नियुक्त किया गया था। इनका कार्य जंगलों में हो रहे अवैध पातन रोकना, जगलो में लगी आग को बुझाना और साथ ही साथ वन्य जीवों की रक्षा करना होता है। ये कर्मचारी पूरी तरह से अस्थायी होते हैं। इस रेंजर ने अपने द्वारा नियुक्त किए गये वन प्रहरियों को बाकायदा वर्दी भी उपलब्ध करायी गयी है और साथ ही इनको रिवाल्वर भी दिया गया है। यही नहीं इनके द्वारा स्थानीय लोगों को डरा धमका कर उनसे अवैध वसूली भी करते हैं, इनके वर्दी पहनकर रिवाल्वर लगाए हुए फोटो सोसल मीडिया पर वाईरल भी हो रहे हैं! यही नहीं स्थानीय लोगों ने रेंजर की शिकायत राज्यपाल समेत राज्य के अन्य अधिकारियों से की है।
इस शिकायत में लिखा है कि जिला देहरादून के झाझरा रेंज में सन् 2018 से कार्यरत रेंजर द्वारा टोंस नदीए सिंगनीवाला नदीए सोरणा नदी को अपनी रेंज में बताकर अवैध वसूली की जा रही है। टोंस नदी में सिंगनी वाला और बंसीवाला के पास नदी का पट्टा खुला है इसे भी यह अपनी रेंज में बताकर ट्रैक्टर वालों एवं नदी के ठेकेदार व मुशियों से अवैध वसूली की जा रही है। काफी लम्बे समय से नदियों से खनन के लिए सरकार द्वारा रोक लगा दी थी। फिर भी इस रेंजर के द्वारा इन सारी आसपास की नदियों से खनन माफियों के साथ मिल कर जे सी बी व ट्रैक्टर द्वारा भारी मात्रा में खनन कराया गया।
2017 से 2022 के बीच में रेंजर का तीन से चार बार ट्रॉफर भी हो चुका है फिर भी यह व्यक्ति अपना इतना लाभ न छोड़ने के लिए अपना ट्रांफर रुकवा देता है। उन्होंने मांग की है कि इस रेंज़र की पुलिस विभाग द्वारा एवं राजस्व विभाग द्वाराए ईडी एवं विजिलेंस द्वारा उच्च स्तरीय जांच करवाकर कड़ी कानूनी कार्यवाही करने की कृपा करें।
इस शिकायत के बाद वन विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है। इस संबंध में रेजर के मोवाईल न पर सम्पर्क करने की कोशिश की गयी तो पूरी घण्टी बजने के बाद भी रेंजर द्वारा काल नहीं उठायी गयी, इस कारण रेंजर का पक्ष नहीं जाना जा सका।