(संवाददाता News Express 18)
देहरादून। नेहरू कॉलोनी पुलिस द्वारा भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखण्ड (देहरादून) में नियुक्त तीन कर्मचारियो को फर्जी डॉक्टर प्रकरण में संलिप्तता पाये जाने पर किया गिरफ्तार।
पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून के निर्देशानुसार पुलिस अधीक्षक अपराध महोदय के नेतृत्व में गठित विशेष जांच दल के अधीन वर्तमान में थाना नेहरू कॉलोनी पर पंजीकृत मुकदमा अपराध संख्या 19/23 धारा 420/467/468/ 471/120 बी भादवि की विवेचना के क्रम में गठित विशेष जांच दल द्वारा उक्त मुकदमे में भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखण्ड (देहरादून) में नियुक्त तीन कर्मचारियो विवेक रावत, अंकुर महेश्वरी और विमल प्रसाद को पूछताछ हेतु थाना नेहरू कॉलोनी देहरादून में बुलाया गया था। जिनके द्वारा मुकदमा उपरोक्त के संबंध में पूछताछ करने पर अपने-अपने बयानों में बताया कि हम तीनो ने इमलाख के साथ मिलकर फर्जी डिग्रियां बांटी तथा फर्जी रजिस्ट्रेशन किये।
इमलाख किसी को बीएएमएस की डिग्री देने के बाद चिकित्सा परिषद में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करता था और सम्बंधित इंस्टीट्यूट के प्रमाण पत्र, लिफाफे आदि हमें सीधे उपलब्ध कराता था, जिस पर हम लोग ही पत्राचार, पता इत्यादि का अंकन, पृष्ठांकन स्वयं ही करते थे, तदोपरांत रजिस्ट्रेशन की प्रति स्वयं ही इमलाख को उपलब्ध करा देते थे। यहाँ पर कनिष्ठ सहायक विमल बिजल्वाण, वैयक्तिक सहायक विवेक रावत व अंकुर महेश्वरी के माध्यम से सारे कागज जमा होते थे। फिर हम लोग ही वेरिफिकेशन फाइल तैयार कर जिस यूनिवर्सटी की डिग्री होती थी, उस यूनिवर्सिटी के लिए एवं जिस राज्य की डिग्री होती थी, उस बोर्ड में भी वेरफिकेशन के लिए फाइल डाक से भेजते थे। फाइल में हम लोग कुछ न कुछ कमी रखते थे, जिससे यूनिवर्सिटी वाले उक्त फाइल को वापस नही करते थे। डाक से भेजने के कुछ दिन बाद इमलाख कर्नाटक, बिहार और राजस्थान आदि स्थानों पर जाता था और फिर इमलाख कूटरचित तरीके से फर्जी एनओसी तैयार करवाता था, जिसे वह उसी यूनिवर्सिटी के बाहर तथा उसी राज्य से वापस चिकित्सा परिषद के लिए डाक से पोस्ट करता था और जब यही फाइल चिकित्सा परिषद देहरादून में पहुंचती थी तो उस फर्जी एनओसी के आधार पर ही हम उनका रजिस्ट्रेशन चिकित्सा परिषद में करवा देते थे। हम लोगों को इस काम के प्रति वैरिफिकेश व एनओसी के हिसाब से 60,000/- रुपये मिलते थे।
इस काम में जो भी पैसे हमे मिलते थे, उसे हम लोग आपस में बाँट लेते थे।
पूछताछ के आधार पर विमल प्रसाद द्वारा अपने निवास स्थान सिद्ध विहार देहरादून मे ले जाकर एक अदद मोहर, लिफाफे एवं दस्तावेज बरामद करवाए गये। अंकुर महेश्वरी के घर हरीपुर नवादा से अभियुक्त अंकुर महेश्वरी की निशानदेही पर एक अदद मोहर, लिफाफे एवं दस्तावेज बरामद हुए व विवेक रावत द्वारा अपने आवास 183 ऑफिसर कॉलोनी रेस कोर्स से 04 अदद मोहर, लिफाफे एवं दस्तावेज बरामद करवाए गये।
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