(विकास गर्ग)
देश और दुनिया में असंख्य भक्त हैं बाबा की सिद्धियों के साक्षी
बात अगर 15 जून को होने वाले सुप्रसिद्ध कैंची धाम मेले की हो ( इस बार कोरोना काल के चलते स्थगित) तो बरबस ही आंखों के सामने उस विराट चेतना का स्वरूप आ जाता है जो अलौकिक शक्तियों, सिद्धियों एवं चमत्कारों के भंडार थे जिनकी कृपा ने भारतवर्ष में ही नहीं अपितु दुनिया के विभिन्न देशों में उनके भक्तों की कामयाबी के परचम लहरा दिए बाबा के भक्त उन्हें विभिन्न नामों से पुकारते हैं कोई उन्हें सिद्ध संत, योगी दूरदृष्टा,युग दृष्टा, बाबा के नाम से पुकारता है तो कोई उन्हें हनुमान का अवतार बताते हैं।
बाबा नीम करोली महाराज का जीवन उनके अलौकिक शक्तियों चमत्कारिक सिद्धियों एवं रोचक प्रसंगों से भरा हुआ है बाबा नीम करोली महाराज का सानिध्य प्राप्त कर चुके शिष्यों के मुताबिक वर्ष उन्नीस सौ में फिरोजाबाद के अकबरपुर में जन्मे नीम करोली महाराज जी का नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था बाद में सन्यास धारण करने के बाद इन्हें बाबा लक्ष्मण दास का नाम दिया गया।
लेकिन इनका सर्वाधिक प्रचलित नाम नीम करोली महाराज के नाम से ही सुविख्यात हुआ बाबा नीम करोली महाराज के परम भक्त तथा उनके साक्षात दर्शनों का कई मर्तबा लाभ ले चुके कई भग्त बताते हैं बाबा नीम करोली महाराज का आगमन कुमाऊं में 1935 से 40 के मध्य हुआ उन्होंने 1952 में हनुमान गढ़ी नैनीताल में हनुमान मंदिर की स्थापना की उसके बाद भवाली के समीप भूमिया धार स्थान में भी उन्होंने हनुमान मंदिर की स्थापना की हर आने जाने वाले का मंतव्य समझने वाले बाबा बिना कुछ कहे भी अपने भक्तों की जिज्ञासा का समाधान कर देते थे।
इसके अलावा इशारों इशारों में ही भूत एवं भविष्य की घटनाओं का भी वर्णन कर देते थे उनकी कही हुई बातें सौ फीसदी सच साबित होती थी वर्ष 1962 में उन्होंने कैची धाम की आधारशिला रखी और वर्ष 1964 तक यह कार्य पूरा हो गया 15 जून 1964 को इस मंदिर में हनुमान मूर्ति शिव मूर्ति एवं लक्ष्मीनारायण मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा हुई उसी दिन से 15 जून को कैंची धाम के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
बेहद सादगी पूर्ण जीवन व्यतीत करने वाले बाबा नीम करोली महाराज के अंदर आध्यात्मिक ऊर्जा का एक ऐसा प्रवाह था कि जो कोई भी उन के सानिध्य में गया उसका जीवन धन्य हो गया और उसे उनकी दिव्य अनुभूतियों का हमेशा एहसास होता रहा बाबा की कृपा प्राप्त कर उनके असंख्य भक्तों ने देश और दुनिया में अपनी कामयाबी के परचम लहराए हैं।
जिनमें मुख्य रुप से डॉ शंकर दयाल शर्मा, चौधरी चरण सिंह, डॉ वीवी गिरी, रफी अहमद किदवई के अलावा फेसबुक के संस्थापक जुकर बर्ग, एप्पल कंपनी के स्टीव जॉब्स हॉलीवुड की अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स शामिल हैं।
11 सितंबर 1973 को वृंदावन में बाबा नीम करोली महाराज ने अपनी देह त्याग कर उस परम सत्ता के साथ एकाकार कर लिया जिस के आदेश से उन्होंने इस धरा धाम में अवतरित होकर संपूर्ण मानव जाति का कल्याण किया ,बाबा के अनगिनत श्रद्धालुओं का परम विश्वास है कि उन्होंने भले ही 1973 में महाप्रयाण कर लिया है लेकिन उनकी दिव्य चेतना आज भी सर्वत्र व्याप्त है और बाबा आज भी अपने भक्तों को विषम से विषम परिस्थितियों से उबारकर उनका मंगल करते हैं उन्हें अभीष्ट प्रदान करते हैं।
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