(उमेश राणा)
नैनीताल उत्तराखण्ड के प्रतिष्टित कैंची धाम मंदिर की स्थापना के बाद से शुरू हुए भंडारे में आज पहली बार कोरोना के कारण प्रशाद वितरण नहीं हो सका, जिससे बाबा के भक्त मायूस दिखे। मंदिर प्रबंधन ने बाबा को भोग चढ़ाया लेकिन भक्तों का मंदिर में प्रवेश वर्जित रहा ।
नैनीताल शहर से 18 कोलोमेटर दूर शिप्रा नदी से लगी हुई वैली में बसे कैंची मंदिर में वर्ष 1965 से भंडारा होते आ रहा है । यहां, हनुमान भक्त चमत्कारी नीब करौरी महाराज के आशीर्वाद से पिछले 54 वर्षों से लगातार भंडारा लगता है और लाखों लोग प्रशाद ग्रहण करते हैं । लेकिन इस वर्ष प्रशासन के आदेश और कोरोना संक्रमण से बचाव के चलते भक्तों के प्रवेश में रोक लग गई है ।
हालांकि स्थापना दिवस के मौके पर बाबा और उनसे जुड़े मंदिरों में मालपुए और सब्जी का भोग चढ़ाया गया । मंदिर परिसर आज सुनसान दिखा, लेकिन मंदिर गेट में एक्का दुक्का श्रद्धालु बाबा के दूर से दर्शन करने पहुंचे । उन्होंने बाबा के दर्शन और प्रशाद नहीं पाने का दुख जताया । श्रद्धालुओं ने बाबा से कोरोना को खत्म कर वापस सामान्य जनजीवन लाने की भी प्रार्थना की ।
मंदिर प्रबंधन की तरफ से भी प्रशाद वितरण की कोई व्यवस्था नहीं की गई और भक्तों को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया गया । लेकिन बाबा को भोग चढ़ाने में कोई कमी नहीं कि गई।
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