क्रासरः जमीनी विवाद के मामले को बनाया दुष्कर्म का मामला
क्रासरः बीते वर्ष भी महिला ने बलात्कार के मामले में की थी सुलह
क्रासरः बेंची जमीन को हडपने के लिए रची जा रही है साजिश
(विनोद मिश्रा)
बांदाः राजनीति में उंची महत्वाकांक्षा रखना एक सामान्य जनप्रतिनिधि को भारी पड रहा है। गांवदारी के पुराने मामलों को बढा चढाकर उसके चरित्र व सामाजिक प्रतिष्ठा को तार तार किया जा रहा है। एक जमीन की खरीद फरोख्त को लेकर उस पर दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध का मामला भी विरोधियों द्वारा दर्ज करा दिया गया है। हालांकि दुष्कर्म का मामला दर्ज कराने वाली महिला ने एक साल पहले भी इसी मामले पर सुलहनामा किया था। अब देखना यह होगा कि पुलिस प्रशासन इस संवेदनशील मामले को कैसे निपटाती है।
इन दिनों जनपद में जिला पंचायत सदस्य रामबाबू निषाद के चरित्र व सामाजिक प्रतिष्ठा को तार तार किया जा रहा है। साजिशकर्ताओं द्वारा गांवदारी के पुराने मामलों को इतना बढा चढाकर पेश किया जा रहा है जैसे वह कोई दुर्दांत अपराधी हो। जबकि यह पूरा मामला एक जमीनी विवाद को लेकर है। रामबाबू निषाद ने एक महिला से लगभग चार बीधे जमीन जनवरी माह में खरीदी थी। जिसके बदले महिला को उसने पांच लाख रूपये नकद व शेष चेक के माध्यम से भुगतान किया था। रजिस्ट्री विभाग में सर्वर न होने के कारण महिला जमीन के लिए बयान नहीं दे पायी।
बस यहीं से पूरी कहानी बदल गयी। महिला को कुछ साजिशकर्ताओं ने अपने पक्ष में लेकर रामबाबू निषाद पर बलात्कार की मनगढंत कहानी लाद दी गयी। चौकी से लेकर एडीजे तक महिला द्वारा शिकायती पत्र दिलाये गये। अधिकारियों के दबाव बाद रामबाबू निषाद पर बलात्कार का मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया। इसके साथ ही साजिशकर्ताओं ने रामबाबू निषाद के गांवदारी के मामलों को बढा चढाकर पुलिस के सामने पेश किया है। जिससे पुलिस पर दबाव बनाया जा सके। रामबाबू निषाद पंद्रह सालों तक अपने गांव मुरवल के प्रधान रहे। इसके बाद वह जिला पंचायत सदस्य चुने गये।
वर्तमान में भी जनता ने उनको भारी मतो से जिला पंचायत सदस्य बनाया। आगामी समय में फिर से वह राजनीत में अच्छा मुकाम पाने के लिए जनता के बीच सक्रिय बने हुये है। जिससे विरोधियों की नींद हराम है। अपने उपर लगे आरोपों को नकारते हुए रामबाबू निषाद ने बताया कि वह तीन बार गांव के प्रधान रहे है। इस दौरान गांवदारी को लेकर उनपर दर्जनों मुकदमें दर्ज कराये गये थे। इसके साथ ही विरोधी दलों के नेताओं के द्वारा भी उन पर कई मामले दर्ज कराये गये थे। जिनमें सभी मामलों में वह कोर्ट के द्वारा दोषमुक्त करार दिये गये है। कहा कि गांवदारी व आपसी रंजिश के चलते दो बार उन पर जानलेवा हमला भी विरोधियों द्वारा किया गया है।
मध्यप्रदेश में भी एक मामले में उनका नाम शामिल किया गया था। लेकिन वहां पर भी जांच के दौरान उनको निर्दाष पाया गया और उनको आरोप मुक्त किया गया। कहा कि गांव की एक महिला की मदद करना उनकों भारी पड गया। गांव की महिला को अपने घर में किराये पर रखा। लेकिन उसके चाल चरित्र को देखते हुए उसे घर से निकाल दिया। बाद में इसी महिला व उसकी पुत्रियों ने बीते वर्ष उन पर दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया। जिसकों पुलिस ने जांच के दौरान झूठा पाया और उन्हें दोषमुक्त करार दिया। बाद में इसी मामले में महिला व उसकी पुत्रियों ने सुलहनामा किया। बताया कि इसी वर्ष जनवरी माह में महिला ने उनके पास आकर जमीन खरीदने को कहा। जिस पर उन्होंने जमीन की कीमत पांच लाख रूपये नकद व शेष चेक के माध्यम से अदा किया।
कहा कि सर्वर न आने के कारण महिला के बयान नहीं हो पाये। जिसके बाद महिला को कुछ साजिशकर्ताओं ने अपने पक्ष में कर लिया और उन पर दुबारा से झूठे आरोप लगाये जाने लगे। कहा कि पूरे मामले को लेकर वह भी अपना पक्ष रख चुके है। लेकिन पुलिस द्वारा उनकी ओर से मामला दर्ज नहीं किया जा रहा है। रामबाबू ने आलाधिकारियों से मांग की है कि उन्होंने सभी साक्ष्य उपलब्ध करा दिये है। जिसके आधार पर जांच करायी जाये। कहा कि वह निर्दाष है, और उनकों जबरन किसी भी झूठे मामले में न घसीटा जाये।
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